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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2025

  • 2 months ago

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थसिद्धि समेत कई शुभयोग में हो रहीहै। 

इनकी वजह सेनवरात्रि पर मां दुर्गाका पूजन अति फलदायीहोने वाला है।

 

हाथीपर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

इस बार मां दुर्गाहाथी पर सवार होकरआएंगी। माता का हाथीपर सवार होकर आनाशुभ माना जाता है।हाथी को शांति औरशुभता का प्रतीक मानाजाता है। मां काहाथी पर आना खुशहालीऔर धन-धान्य मेंबढ़ोतरी का संकेत समझाजाता है।

     चैत्र नवरात्रि पर 8 दिन ही व्रत रखा जाएगा 

  • 30 मार्च प्रतिपदा (मां शैलपुत्री पूजन)
  • 31 मार्च द्वितीया तिथि (मां ब्रह्मचारिणी पूजन) सुबह 9.12 बजे तक है, इसके बाद तृतीया तिथि (मां चंद्रघंटा पूजन) लगेगी, लेकिन इसका क्षय होगा
  • 1 अप्रैल चतुर्थी तिथि (मां कूष्मांडा पूजन)
  • 2 अप्रैल पंचमी  (मां स्कंदमाता पूजन)
  • 3 अप्रैल षष्ठी (मां कात्यायनी पूजन)
  • 4 अप्रैल सप्तमी (मां कालरात्रि पूजन)
  • 5 अप्रैल अष्टमी (मां महागौरी पूजन)
  • 6 अप्रैल नवमी (मां सिद्धिदात्री पूजन)
  • 7 अप्रैल दशहरा/नवरात्रि पारण

 

 

 घटस्थापना का मुहूर्त-:

30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा, जिसकी अवधि 4 घंटे 8 मिनट की रहेगी. अगर आप मुहूर्त में कलशस्थापना न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा

शुभ योग:- नवरात्रिकी शुरुआत कई शुभ योग के साथ होरही है। इस बारसर्वार्थ सिद्धि योग, ऐंद्र योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योगऔर लक्ष्मीनारायण योग बन रहेहैं। ये लाभदायक औरउन्नतिकारक योग हैं।

चैत्रनवरात्रि का आरंभ 30 मार्चको सूर्योदय के साथ होगाऔर यह 6 मार्च कोनवमी तिथि के समाप्तहोगी। इसमें पूजा का आरंभकरने के लिए दोपहरमें अभिजीत मुहूर्त उत्तम है, 

 

मांदुर्गा के सभी स्वरूपोंके नाम का अर्थ पहले दिन 

मां शैलपुत्री कीपूजा की जाती है,

 मां को पहाड़ों कीपुत्री माना जाता है।

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणीका पूजन होता है, मां ब्रह्म के समान आचरणकरने वाली हैं। 

तीसरेदिन मां चंद्रघंटा कीपूजा होगी, माता चांद कीतरह चमकने वाली हैं।

 चौथेदिन मां कूष्मांडा कापूजन होता है। मांके पूरे संसार मेंपैर फैले हैं। 

पांचवेंदिन स्कंदमाता की पूजा होतीहै। मां कार्तिक स्वामीकी माता हैं। छठेदिन मां कात्यायनी कीपूजा की जाती है,

 मां का जन्म कात्यायनआश्रम में हुआ थाइसलिए उन्हें इस नाम सेजाना जाता है।

 सातवेंदिन कालरात्रि की पूजा होगी, मां काल का नाशकरती हैं।

 आठवें दिनमां महागौरी का पूजन होगा, मां सफेद रंग वालीहैं

 और 9वें दिनसभी सिद्धियां प्रदान करने वाली मांसिद्धिदात्री की पूजा कीजाती है।

 

आचार्य अतुल योगराज 
मां कामाख्या धाम 
गुवाहाटी, असम