कुंडली मिलान

कुंडली गुण मिलान एक अद्भुत एवं कठिन कार्य है जिसमें कई संयोग और नियमों को परखा जाता है हमारे भारतीय समाज में विवाह को सात जन्मों का संबंध माना जाता है ज्यादातर हिंदू परिवार ज्योतिषी के पास विवाह के श्रेष्ठ कुंडली मिलान या चंद जन्म पत्रिका मिलान के लिए जाते हैं इससे होने वाले वर वधू के जीवन में किसी प्रकार का दुर्भाग्य का शिकार ना हो सके और अपनी विवाहित जीवन में खुशियों का लाभ उठा सकें यह विश्वास रखते हैं कि विवाह के बाद एक दूसरे के भाग और दुर्भाग्य का असर हमारे जीवन साथी पर ना पड़े ज्यादातर ज्योतिषी अष्टकूट चक्र या अवकहडा चक्र का उपयोग करके वर वधू के गुण मिलान दोष के लिए करते हैं.....

सर्वप्रथम यह जान ले कि वर और वधू का भाग्य आपस में अच्छा तालमेल रखता है या नहीं इसके लिए ज्योतिष के अनुरूप कुंडली मिलान कर के गुण दोष के विवाह से पहले ही जान ले, कुंडली मिलान करते समय हमें 8 मुख्य बातों को ध्यान देना अति आवश्यक है जैसे:-

  • • वर्ण

  • • वैश्य

  • • तारा या दिन

  • • योनि

  • • ग्रह मैत्री

  • • गण

  • • भकूट

  • • नाडी

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